दांपत्य जीवन बेहतर करने के आयुर्वेदिक उपाय!
- Baby Scooby
- May 19
- 2 min read
Updated: May 20

शुक्राणु की दौड़ हो या दुनिया का हाल,जो सबसे तेज भागा, उसी का कमाल।
आयुर्वेद में शुक्र धातु को खास माना गया है। ये हैं शरीर की कुल 7 धातुएं जिनका निर्माण पिछली धातु से जुड़ा है:
रस: यह प्लाज्मा के बनने से जुड़ा है।
रक्त: ब्लड के बनने की बात।
मांस: मांसपेशियां बनाने के बारे में है।
मेद: यह फैट बनाने की बात करता है।
अस्थि: यह हड्डियों की मजबूती के बारे में है।
मज्जा: इसे अस्थिमज्जा यानी बोन मैरो और नर्वस सिस्टम समझ सकते हैं।
शुक्र: आयुर्वेद के मुताबिक, इसका निर्माण मज्जा से होता है। यह रिप्रोडक्शन से जुड़ा है।
इनके सेवन से सेहतमंद शुक्राणु, अंडाणु और गर्भाशय:
हर दिन 1 से 2 चम्मच देसी घी और और आधा से एक गिलास दूध का सेवन करना आयुर्वेद में गुणकारी माना गया है। इनके सेवन से स्पर्म और ओवम की क्वॉलिटी अच्छी होती है। अगर हमेशा इनका सेवन नहीं करना चाहते हों तो प्रेग्नेंसी कंसीव करने से 2 से 3 महीने पहले शुरू कर देना चाहिए और आगे भी करना चाहिए। इनके सेवन से स्पर्म तेज होता है और यूटरस भी प्रेग्नेंसी के लिए तैयार हो पाता है।
उड़द की दाल भी कारगर है। यह भी सीमन की क्वॉलिटी बढ़ाती है। हफ्ते में 2 से 3 दिन 1 से 2 कटोरी उड़द की दाल लहसुन और गाय के घी में छौंक लगाकर खाना चाहिए।
तिल के तेल को आयुर्वेद में बेहतरीन कहा गया है। इनके सेवन से भी फायदा होता है।
2 से 3 खजूर या 2 अंजीर का सेवन करना भी फायदेमंद हो सकता है।
उत्तम संतान के लिए फल में अनार का सेवन करना फायदेमंद होता है।
अश्वगंधा, शतावरी, गोखरू, शिलाजीत, सफेद मूसली, कौंच बीज आदि। ये पुरुषों के लिए खासतौर पर फायदेमंद हैं। इन्हें अलग-अलग और शुद्ध रूप में खोजना मुश्किल है। ऐसे में Healdesire का IRONMAN, HIMALAYAN SHILAJIT, TESTOSUPPORT जैसे प्रोडक्ट अच्छे हैं। इनकी क्वॉलिटी अच्छी है।
अशोक, शतावरी का सेवन महिलाओं के लिए फायदेमंद बताया गया है।
जब प्रेग्नेंसी कंसीव करने की प्लानिंग कर रहे हों तो खट्टी और तीखी चीजों से बचना चाहिए।
हर दिन पुरुष और महिला को 15 से 20 मिनट योग (मेडिटेशन, अनुलोम-विलोम प्राणायाम) करना चाहिए।
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